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ईडी ने किया केजरीवाल की जमानत का विरोध, कहा कि इससे गलत परंपरा शुरू होगी

 09 May 2024

दिल्ली के मुख्यमंत्री के अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ती ही जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की जमानत के खिलाफ एक हलफनामा पेश किया। इस हलफनामे में ईडी ने कहा कि केजरीवाल की अंतरिम बेल से गलत परंपरा शुरू होगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में 10 मई को केजरीवाल की जमानत को लेकर सुनवाई करने वाला था। इसी सिलसिले में ईडी ने कोर्ट में हलफनामा दिया है।



ईडी ने अपने हलफनामे में क्या कहा

 

ईडी ने केजरीवाल की जमानत के खिलाफ अपने हलफनामे में कहा कि चुनाव प्रचार न तो संवैधानिक अधिकार है और न ही मौलिक अधिकार। अगर केजरीवाल को जमानत मिली तो इससे गलत परंपरा शुरू होगी। इसके बाद नेता गुनाह करेंगे और चुनाव की आड़ में जांच से बचने की कोशिश करेंगे। ईडी ने कहा कि हमारी जानकारी में ऐसा नहीं है कि, किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव भी क्यों न लड़ रहे हों।


ईडी ने कहा कि देश में कई चुनाव हो चुके हैं, यदि चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जानी है। तो किसी भी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और न ही न्यायिक हिरासत में रखा जा सकता क्योंकि हर साल देश किसी न किसी हिस्से में चुनाव होते ही हैं। ईडी ने यह भी कहा कि, आम चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना केजरीवाल के पक्ष में विशेष रियायत होगी। जो कानून के शासन और समानता के लिए अभिशाप की तरह होगा।



इससे कानून के दो भाग हो जायेंगे 


ईडी ने कहा कि इस परंपरा से देश का कानून दो अलग-अलग भागों हो जाएगा एक सामान्य नागरिक और दूसरा नेताओं के लिए। सामान्य नागरिक जो देश के कानून से साथ बंधा होगा और नेता जो चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत हासिल करने की उम्मीद के साथ कानून से छूट मांग सकता हैं। ईडी ने कहा कई नेता न्यायिक हिरासत में रहकर चुनाव लड़ चुके है और जीतते भी रहे है। लेकिन इस आधार पर उन्हें कभी अंतरिम जमानत नहीं मिली। ईडी ने कहा एक नेता एक नागरिक से अधिक किसी विशेष दर्ज़े का दावा नहीं कर सकता। ईडी के समन से बचने के लिए केजरीवाल ने पांच राज्य के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए यही बहाना बनाया था।



ईडी ने पहले भी किया था विरोध 


सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, आदतन अपराधी नहीं। लोकसभा चुनाव पांच साल में आता है और इसलिए प्रचार के लिए उन्हें अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि, ईडी ने इसका पुरजोर विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट 10 मई को इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुना सकता है।